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Vidai के अवसर पर हिंदी कविता|Farewell poem in hindi


आज के इस Blog में हम बेटी के विदा होने के पलों या क्षणों Vidai के अवसर पर हिंदी कविता|Farewell poem in hindi पर कविता के द्वारा चर्चा करेंगे। कि जब बेटी की उसके घर से विदाई की जाती है तो उस समय उसके परिवार के व्यक्तियों की क्या मनोदशा होती है तथा वह अपने से जुड़ी कौनसी यादों को अपने पीहर में ही छोड़कर अपने ससुराल चली जाती है। 


- : बेटी की विदाई पर एक बिदाई गीत आपकी सेवा में : -

बाबो सा की चिड़कली,

         उड़गी जी पंख पसार। 

यादां वा सारी छोड़ गी,

         राखज्यो जी संभाळ। 

बाबो सा की चिड़कली,

         उड़गी जी पंख पसार ।।      

अर्थ : कवि कहते हैं कि जब बेटी की उसके घर से विदाई की जाती है, तो उसका पूरा परिवार बेटी के घर से जाने के गम में दुःखी हो जाता है और इन पंक्तियों के माध्यम से कवि उस क्षण के बारे में वर्णन करते हुए कहते हैं कि पिता जी की प्रिय बेटी, अब अपने ससुराल जा रही है। वह ससुराल जाते समय अपने से जुड़ी समस्त यादों को अपने पीहर में छोड़कर चली जाती है, ताकि हम उन यादों को सम्भाल कर रख सके और उन यादों के सहारे जी सके। 

Vidai पर कविता
Vidai पर कविता 

मायड़ घणां लाड़ लड़ाया,

         बापू कदी न खाड़ी गाळ। 

बैहनड़ न भी प्रीत निभाई,

         घणां नराळया म्हारा बाळ। 

बाबो सा की चिड़कली,

         उड़गी जी पंख पसार। 


अर्थ : कवि इन पंक्तियों के माध्यम से कहते हैं कि बेटी के पीहर में उसको बहुत प्यार दिया जाता है, और किसी भी कारणवश पिता जी बेटी पर अत्यधिक क्रोध नहीं करते हैं क्योंकि लगभग हर बेटी के पिता अपनी बेटी से बहुत प्रेम करते हैं। बेटी के पीहर में उसकी अन्य बहनें भी आपस में घुल-मिलकर प्रेम पूर्वक रहती हैं, और आपस में एक-दूसरे के बालों को सवारती रहती है। 

साथणिंयां क लार खेली,

         घणां पचैटा चौंसठ सार। 

भाइल्यां सूं नतकै करती,

         बगर बात की नवरी राड़। 

बाबो सा की चिड़कली,

         उड़गी जी पंख पसार। 


अर्थ : कवि कहते हैं कि बेटी अपने पीहर में अपनी सहेलियों के साथ पचैटे, चौसर सार आदि खेल खेलती है। और अपनी सहेलियों से बिना बात के ही नई-नई लड़ाईयाँ करती रहती है क्योंकि बचपन में प्रत्येक बेटी या बेटा नई-नई शरारतें करते रहते हैं और बचपन में मजे लेते हैं। बचपन की अवस्था में जो मजा है वह किसी और अवस्था में कहाँ। 

यादां वा सारी छोड़ गी,

         राखज्यो जी संभाळ। 

बाबो सा की चिड़कली,

         उड़गी जी पंख पसार। 

जौबन झौला खायो म्हारौ,

         आयो जी ईंमैं उबाळ।  


अर्थ : कवि इन पंक्तियों के माध्यम से पुनः कहते हैं कि बेटी अपने से जुड़ी समस्त यादों को अपने पीहर में छोड़कर जा रही है, जिन्हें बेटी के परिवार वालों को संभाल कर रखना है। पिता जी की प्रिय बेटी, अब अपने ससुराल जा रही है। बेटी के जवान होते ही उसके पिता के मन में अपनी बेटी को विदा करने की भावनाएँ मन में आने लग जाती हैं कि अब बेटी जवान हो चुकी है, तो इसे ससुराल भेज देना चाहिए।

जोड़ी का बीन्द हैर्या बाबुल,

         करद्या जी पीळा हाथ। 

पीहर छूट परिवार छूट्यो,

         छूट्यो साथणिंयां को साथ। 

परिवार बिलखतो रैहग्यो,

         आगी जी परण्यां की लार। 


अर्थ : कवि कहते हैं कि बेटी के पिता जी ने अपनी बेटी के लायक अच्छे से अच्छा वर ढूंढकर उसके हाथ पीले करवा दिए ( शादी करवा दी ) . बेटी जब ससुराल जाती है तो उसके साथ उसका पीहर, घर परिवार, उसकी सहेलियाँ आदि का साथ छूट जाता है। और बेटी अपने परिवार को रोता हुआ छोड़कर, अपने पति के साथ ससुराल आ जाती है। 

बाबो सा की चिड़कली,

         उड़गी जी पंख पसार। 

यादां वा सारी छोड़ गी,

         राखज्यो जी संभाळ।   

बाबो सा की चिड़कली,

         उड़गी जी पंख पसार।।


अर्थ : अन्तिम पंक्तियों में कवि कहते हैं कि पिता जी की प्रिय बेटी अपने पीहर को छोड़कर, अब अपने ससुराल जा रही है अपने से जुड़ी समस्त यादों को छोड़कर, जिन्हें उसके पीहर वालों को संभाल कर रखना है। 

Vidai के अवसर पर हिंदी कविता
Vidai के अवसर पर हिंदी कविता

💨 Babo Sa Ki Chidakli,                

             Udgi Ji Pankh Pasar .

Yada Wa Sari Chhod Gi,

             Rakhjyo Ji Sambhaal .

 Babo Sa Ki Chidakli, 

            Udgi Ji Pankh Pasar .

Mayad Ghana Lad Ladaya,

            Bapu Kadi Na Khadi Gaal . 

Baihanad Na Bhi Preet Nibhai,

             Ghana Naralya Mhara Bal .

Babo Sa Ki Chidakli,

             Udgi Ji Pankh Pasar .

Sathniya Ke Lar Kheli,

            Ghana Pachaita Chounsath Saar .

Bhailya Su Natkai Karti,

            Bagar Baat Ki Navri Raad .

Babo Sa Ki Chidakli,

             Udgi Ji Pankh Pasar .

Yada Wa Sari Chhod Gi,

            Rakhjyo Ji Sambhaal .

Babo Sa Ki Chidakli,

            Udgi Ji Pankh Pasar .

Jouban Jhoula Khayo Mharo,

             Aayo Ji Imhe Ubal .

Jodi Ka Beend Hairya Babul,

            Kardya Ji Peela Hath .

Peehar Chhoot Pariwar Chhootyo,

            Chhootyo Saathniya Ko Sath .

Pariwar Bilakhto Raihagyo,

            Aagi Ji Parnya Ki Laar .

Babo Sa Ki Chidakli,

            Udgi Ji Pankh Pasar .

Yada Wa Saari Chhod Gi,

            Rakhjyo Ji Sambhaal .

Babo Sa Ki Chidakli,

            Udgi Ji Pankh Pasar .... 

हमें आशा है कि आपको ऊपर दी गयी कविता विदाई के अवसर पर कविता हिंदी में|Farewell poem in hindi के माध्यम से विदाई के प्यारे व दुःख भरे पलों के बारे में पता चल गया होगा। विदाई के बाद बेटी अपने पति के साथ ससुराल जाती हुई। 

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