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Uncle जी के जन्मदिन पर कविता|poem in hindi on maternal uncle birthday

आज के इस Blog में दी गयी कविता Uncle जी के जन्मदिन पर कविता|poem in hindi on maternal uncle birthday के माध्यम से हम जानेंगे कि हम सभी के मामा जी हमसे कितना अधिक प्यार करते हैं तथा उनमें किस-किस तरह के गुण मौजूद हैं जो हमारे अंदर भी होने चाहिए। 

त्यागी, सेवाभावी अर मेहनती,

       बोली म ज्यांकै घुळे मिठास। 

प्रेमपुज्य, धीरजधारी, दयावान,

       हिया म बसे ज्यांकै अनुराग। 

छोटा मोटा सब्यां का लाडला,

      मामा सा प्रेम का अवतार।  


अर्थ : कवि बताते हैं कि हम सभी के अपने-अपने मामा जी बड़े ही त्यागी, सेवाभावी और मेहनती हैं, तथा जब वह बोलते हैं तो ऐसा लगता है जैसे मानो कि उनकी बोली या वाणी में शहद जैसी मिठास घुली हो। 

दूसरी पंक्ति द्वारा कवि बताते हैं कि हम सभी के मामा जी हमारे लिए परम पूजनीय, धैर्यवान और बड़े ही दयावान है तथा उनके हृदय में हमेशा दूसरों के लिए प्रेम रुपी भावनाएँ जाग्रत रहती है। 

हम सभी के मामा जी सभी बच्चों से इतना अधिक प्रेम करते हैं कि जिसके कारण वह हमेशा बच्चों के चहीते बने रहते हैं, और वह सभी से इतना अधिक प्रेम करते हैं कि जैसे मानो की वह कोई प्रेम के अवतार हो। 
       

बड़ा बूढ़ां न सदा शीश नवावे,

      छोटां प करे प्रीत बौछार।  

कदी न मूंडो सूज्यो देख्यो यांकौ,

       सबसूं राखे मधुर व्यवहार। 

मलतांईं आणंद की रमझोल उड़े,

       दूर हो जावे सारा विकार। 


अर्थ :  कवि कहते हैं कि हमारे मामा जी प्रतिदिन अपने से बड़े-बूढ़ो का आशीर्वाद लेकर के अपने दिन की शुरुआत करते हैं, तथा अपने से छोटों के प्रति हमेशा उनके मुख पर एक तरह की प्रसन्नता सी छायी हुयी दिखाई देती है। 

कवि बताते हैं कि हम सभी के मामा जी उनके अपनों से इतना अधिक प्रेम करते हैं कि किसी भी परिस्थिति में वह उनके अपनों से इतना अधिक नाराज नहीं होते कि फिर उनसे वह बात करना ही बंद कर दें, तथा वह हमेशा कोशिश करते हैं कि उनका व्यवहार हमेशा सभी के प्रति मधुर या मीठा बना रहे। 

जब भी हम सभी के मामा जी अपने भांजो या भांजियों से मिलते हैं तो ऐसा लगता है जैसे मानो कि आनंद ही आनंद की वर्षा हो रही हो, तथा जब भी वह हमसे मिलते हैं तो हम सभी उनके साथ मिलकर के इतना अधिक हँसी, मजाक करते हैं कि जिससे फिर हम अपने शरीर के सारे रोग-दोष को भी भूल जाते हैं। 
         

छल कपट कदी न मन म राख्यो,

       सबका सुख दुख म देवे साथ।  

संतोषी सदा सुखी को भाव राख्यो,

       स्वार्थ की कदी न भरी बाथ। 

चरणां का चाकर बणांयां राखज्यो,

       सदा राखज्यो माथा प हाथ।  


अर्थ : कवि बताते हैं कि लगभग दुनिया के हर मामा के मन में अपने भांजो व भांजियों के प्रति कभी भी किसी प्रकार का कोई छल-कपट नहीं रहता, तथा वह कभी भी किसी का बुरा नहीं चाहते और हमेशा सुख, दुःख में सभी का साथ देते हैं। 

लगभग दुनिया के हर मामा यही चाहते हैं कि उनके मन से हमेशा सुख व संतोष ( प्रसन्नता ) की भावनाएँ या इच्छाएँ जाग्रत रहें, तथा वह हमेशा स्वार्थ से कोसों दूर रहें। 

तीसरी पंक्ति में कवि कहते हैं कि हम सभी की हमेशा यही मनोकामना रहनी चाहिए कि हम सभी हमेशा अपने मामा जी की एक दास की तरह सेवा करें तथा हमेशा उनके चरणों के पात्र बने रहें, और हमारे अपने मामा से यही इच्छा है कि वह हमेशा हम सभी पर अपना आशीर्वाद बनाये रखे। 

भूल चूक तो सब मनख्यां सूं होवे,

       क्षमा शीलता का आप दातार।     

भूल चूक अवगुण सब बिसारज्यो,

       दोन्यूं बधायां करज्यो स्वीकार।  

जन्मदिन अर सफल सेवा निवृत्ति,

      एक लार दोन्यूं सोना प सुहाग।  


अर्थ : कवि कहते हैं कि जीवन में गलतियाँ तो हर इन्सान से होती है, परन्तु सच्चा इन्सान वही कहलाता है जो अपने मन में क्षमा व शांति की भावना को बनाए रखे। 

अतः हम सभी के मामा जी से यही मनोकामना है कि वह हमारी समस्त गलतियों व कुछ बुरी आदतों को माफ करें, और हमारी ओर से उनके जन्मदिन के लिए दी गयी बधाई को स्वीकार करें। 

आपका जन्मदिन और आपके द्वारा नौकरी में दी गयी सफल सेवा का आज अंतिम दिन है अर्थात आज आपका जन्मदिन भी है और नौकरी के लिए रिटायरमेंट का दिन भी, यह तो हम सभी के लिए सोने पे सुहागा वाली बात है कि हमें एक साथ दो-दो पर्व मनाने का अवसर मिल रहा है।    

Uncle जी के जन्मदिन पर कविता
Uncle जी के जन्मदिन पर कविता

आशीर्वाद लेबा म म्हें मोड़ा होग्या,

      बड़ा हेत सूं करज्यो म्हाँनैं माफ। 

सारा परिवार न आशीष मल जावे,

      खुल जावे सा म्हां सबका भाग ।।    


अर्थ : कवि कहते हैं कि यदि हम से उन्हें जन्मदिन की बधाई देने में देरी हो जाती है, तो हमें उनसे माफी माँग लेनी चाहिए। 

और यदि उनका आशीर्वाद हमें मिल जाता है तो इससे हमारे पूरे परिवार के भाग खुल जाते हैं अर्थात यदि हमारे ऊपर सदा अपने से बड़ों का आशीर्वाद बना रहें तो फिर हमारी दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की होना पक्का है।                                            

👀 Tyagi, Sewabhavi Ar Mehanati,

        Boli Me Jyankai Ghule Mithas . 

Prempujya,Dheerajdhari, Dayawan,

        Hiyaa Me Base Jyankai Anurag . 

Chhota Mota Sabyaan Ka Ladla,

        Mama Sa Prem Ka Avtar . 

Bada Boodha Ne Sada Sheesh Nawave,

       Chhota Pe Kare Preet Bouchhar . 

Kadi Na Moondo Soojyo Dekhyo Yankou,

        Sabsoon Raakhe Madhur Vyavhar . 

Maltaee Aanand Ki Ramjhol Ude,

        Door Ho Jaave Sara Vikar . 

Chhal Kapat Kadi Na Man Ma Raakhyo,

        Swarth Ki Kadi Na Bhari Baath . 

Charna Ka Chakar Banaya Raakhjyo,

       Sada Rakhjyo Maatha Pe hath . 

Bhool Chook To Sab Mankhyan Soo Hove,

       Shama Sheelta Ka Aap Datar . 

Bhool Chook Avgun Sab Bisaarjyo,

        Donyun Badhaya Karjyo Sweekar . 

Janmdin Ar Safal Sewa Nivratti,

        Ek Laar Donyu Sona Pe Suhag . 

Ashirwad Leba Me Mhe Moda Hogya,

        Bada Het Soo Karjyo Mhaanai Maaf . 

Sara Pariwar Ne Ashish Mal Jave,

       Khul Jave Sa Mha Sabka Bhaag ..      

👆 हमें आशा है कि आपको ऊपर दी गयी कविता अच्छी लगी होगी। 👆      

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