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Diwali-के अवसर पर हिंदी कविता

Diwali-के अवसर पर हिंदी कविता | Hindi Poem On Diwali 

जब दीपावली का त्योहार है आया,
तब खुशियों की बहार है लाया।

दियों की रौशनी से संसार जगमगाया,
घर-घर आनंद को आनंद का उजियारा है बनाया।

अर्थ :- कवि कहते हैं कि जब दीपावली का योहार आता है, तो वह अपने साथ कईं सारी खुशियाँ लेकर के आता है जो हर व्यक्ति के जीवन में एक नई उम्मीद जगा देता है और इस दिन लोगों द्वारा इतने दीपक जलायें जाते हैं कि फिर उस रोशनी से पूरा संसार प्रकाशित हो जाता है तथा इस दिन हर घर में इतनी खुशियाँ रहती हैं कि फिर वह घर खुशियों की किलकारियों से ही प्रकाशित होने लग जाता है। 

पटाखों की रोशनी से आसनमान को है सजाया,
सभी के दिलों में खुशियों का एहसास है जगाया।

मिठाइयों की मिठास से सभी का मन है खिल आया,
दोस्तों और परिवार के साथ खुशियों का मेल मिल आया।
। 

अर्थ :- आगे कवि बताते हैं कि इस दिन लोगों द्वारा इतने पटाखे चलाये जाते हैं कि उनकी रोशनी से ही पूरा आसमान प्रकाशित होने लग जाता है और दीपावली के आ जाने से लोगों को खुशियों का एहसास होने लग जाता है। दीपावली पर लोगों द्वारा इतनी मिठाइयाँ खिलाई जाती है कि उनकी मिठास से ही सभी का मन खिल जाता है और मिठाई खिलाने के बहाने लोग इस दिन अपने परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों से मिलने जाते हैं जिससे उनका रिश्ता ओर अधिक गहरा हो जाता है।  

दीपावली पर दीपों की रौशनी से घर सजता है,
भाई-बहन मिलकर प्यार से घर को प्रकाशित करते हैं।

तो आओ सब मिलकर दीपों को जलाएं,
और खुशियों के इस त्योहार को धूम-धाम से मनाएं।

अर्थ :- कवि बताते हैं कि दीपावली पर दीपक की रोशनी से लोग अपने घरों के हर कोने को सजाते हैं और भाई-बहन आपस में मिलकर के प्यार से दीपक जलाते हैं  जिससे उनके प्रेम को ओर अधिक ऊर्जा मिलती है। अंत में कवि कहते हैं कि तो चलो फिर हम सब मिलकर के दीपक जलाते हैं और खुशियों के इस त्योहार को बड़ी धूम-धाम के साथ मानाते हैं।  


Diwali-के अवसर पर हिंदी कविता
Diwali-के अवसर पर हिंदी कविता

Note :- दीपावली के इस अवसर पर कवि एक ओर कविता लिखते हैं जो कुछ इस प्रकार से है -

आया दीपों का त्योहार, खुशियाँ बनकर के सभी के दिलों की।
इस दिवाली की सुनहरी रात, लोगों के मन में लाई उम्मीदों की बौछार।।


दिये जलाकर सभी के दिलों को सजाना, घर-बार को समस्त खुशियों से भरना,
पटाखों की रोशनी से, सबको आनंदित करना, 
मिठाईयों की मिठास से, लोगों के दिलों में नई उमंग जगाना,
यही हर व्यक्ति की चाह और मनोकामना।।   

आओ मिलकर धूम मचाएं, खुशियों से संसार को जगमगाएं,
और गायें-"आई है दीवाली, सुनो जी घर वाली तेरे कँगने ने दिल धड़काया है।" .... 


दिवाली की शुभकामनाएं सभी को,
सजीव रहे यह प्रीत और खुशियों से भरा हो सभी का जीवन।।


अर्थ :- कवि दीपावली के महत्त्व को बताते हुए कहते हैं कि जब दीपावली का त्योहार आता है तो वह सभी लोगों के दिलों की खुशियाँ बनकर के आता है और यह दिवाली की जगमगाती हुई रात लोगों के मन में नई उम्मीदें और नई उमंगें भर देती हैं जिससे लोगों के मन प्रफुल्लित से हो उठते हैं। हम सभी व्यक्तियों का इस दिन यही कर्त्तव्य होना चाहिए कि हम सब इस दिन घर के कोने-कोने में दिये जलायें ओर अपने घर को सम्पूर्ण खुशियों से भर दें, तथा थोड़े बहुत पटाखे भी जलायें क्योंकि पटाखों से रोशनी होती है और उन्हें जलता हुआ देखकर के लोगों को खुशियाँ मिलती है तथा हम सभी लोगों को मिठाई खिलाकर के इस दिन  खुश कर दें, यही हमारी कोशिश होनी चाहिए। 


तो आओ हम सब मिलकर के इस दिन की खुशियाँ मनाऐं और मिलकर के यही गीत गायें कि "आई है दीवाली, सुनो जी घर वाली तेरे कँगने ने दिल धड़काया है।" दीपावली की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं-आप सभी ऐसे ही जीवन जीते रहें और सभी का जीवन इसी तरह से खुशियों से भरा रहें।   

Note :- अकसर लोगों द्वारा एक सवाल पूछा जाता है कि "दीवाली क्यों मनाई जाती है?" तो आइये हम आपको इसी सवाल का जवाब बताते हैं -

Why is celebrated diwali | दीवाली क्यों मनाई जाती है?


दीपावली धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, इस त्योहार को भारत देश के समस्त देशवासी एकजुट होकर आनंद और खुशियों के साथ मनाते हैं, इस खास उत्सव का महत्वपूर्ण कारण निम्नलिखित है:-

धार्मिक कारण : दीवाली को हिंदू धर्म के पावन त्योहारों में से एक माना जाता है। भारतीय संस्कृति में इसे भगवान राम के रावण वध करके श्रीलंका से अयोध्या वापसी के अवसर पर अधर्म पर धर्म की रोशनी के रूप में दिए जलाकर मनाया जाता है। रामायण में लिखा गया है कि भगवान राम इस दिन, अपने 14 वर्ष के वनवास को समाप्त करके अयोध्या को वापस लौटे थे, तो उनके आगमन पर लोगों द्वारा खुशी से उनका स्वागत करके घरों में दीपक जलाये। तभी से इस त्योहार को दीपावली के रूप में घरों में दीपक जलाकर के मनाया जाने लगा। 

विजयोत्सव का कारण : इतिहास में दीवाली को विजयोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। अनेक इतिहासिक घटनाओं में भारतीय सम्राटों ने दीपावली को अपनी विजय के अवसर के रूप में उत्साह से मनाया। तथा इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का भी वध किया था जो कि अधर्म पर धर्म की जीत का एक प्रतिक है। 

सामाजिक या परिवारिक एकता: दीवाली एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को सामाजिक और परिवारिक रिश्तों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है क्योंकि इस मौके पर परिवार के सभी सदस्यों और मित्रगण आपस में एकजुट होकर कुछ समय व्यतित करते हैं तथा एक-दूसरे को इस त्योहार की बधाइयाँ देते हैं जिससे उनका रिश्ता आपस में ओर अधिक मजबूत व गहरा होता है। 

व्यापारिक कारण : दीवाली भारत में व्यापार में वृद्धि का भी समय माना जाता है क्योंकि इस अवसर पर व्यापारी अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए विभिन्न तरह के सौदे और छूट प्रदान करते हैं जिससे ग्राहक को भी फायदा हो सके और व्यापारियों का व्यापार भी बड़े।   

☝इन्हीं समस्त कारणों के चलते हमारे देश भारत में दीपावली के त्योहार को इतनी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। 👆

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